नियोजित शिक्षकों पर गिरी जांच की गाज , भौतिक जाँच के लिए नियोजित शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने बुलाया कमांड कंट्रोल रूम पटना
BTET , CTET व STET के रोल नंबर के अनुसार साक्षमता परीक्षा में 1205 शिक्षक अभ्यर्थी डुप्लीकेट के रूप में चिह्नित किए गए हैं डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक अभ्यार्थियों की जांच भौतिक सत्यापन के माध्यम से गुरुवार को शुरू हो गई है
डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक अभ्यर्थियों की भौतिक सत्यापन का फैसला शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया डुप्लीकेट चिन्हित 1205 शिक्षक अभ्यर्थियों में अररिया के 38 अरवल में 30 औरंगाबाद के 24 बनाकर में 52 बेगूसराय में 39 भागलपुर के 33 भोजपुरी के 37 बक्सर के 29 दरभंगा के 56 पूर्वी चंपारण के बीच गया के 56 गोपालगंज में 30 जमुई के 35 जहानाबाद में 51 कैमूर के पांच कटिहार की 17 क्रिया के 13 किशनगंज की 17 लाख की सारी के 10 मधेपुरा के 28 मधुबनी के 36 मुंगेर 29 मुजफ्फरपुर में 58 नालंदा का 40 नवादा का नासिक पटना का 55 पूर्णिया का 35 रोहतास 25 साल 18 समस्तीपुर का 53 सारण के 22 शेखपुरा के 28 शिवहर के 5 सीतामढ़ी के 16 सिवान के 40 सुपौल के 12 वैशाली के 18 एवं पश्चिमी चंपारण के 15 हैं
डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक का विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन गुरुवार से शुरू हो गया है इसके लिए शेड्यूल के तहत 21 मार्च तक 860 डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक का भारतीयों का भी भौतिक सत्यापन किया जाना है पहले दिन यानी 7 मार्च को 1 से 20 8 मार्च को 21 से 48 9 मार्च 4983 11 मार्च को 84 से 161 और 12 मार्च को 162 245 13 मार्च को 246 से 247 14 मार्च को 248 से 326 15 मार्च को 327 से 402 16 मार्च को 403 से 484 18 मार्च को 485 से 584 19 मार्च को 5 589 20 मार्च को 690 से 797 21 मार्च को 798 से 860 सीरियल नंबर के डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षक अभ्यर्थियों का भौतिक सत्यापन किया जाना है
लिखना है कि साक्षमता परीक्षा बुधवार को खत्म हो गई है परीक्षा के लिए आवेदन करते समय नियोजित शिक्षकों को अपना स्टेट बीटेक और सीटेट का सर्टिफिकेट अपलोड करना अनिवार्य था इस दौरान या मामला संज्ञान में आया उसके बाद भौतिक सत्यापन का कार्य शुरू हो गया है
दरअसल राज कमी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को विभाग ने साक्षमता परीक्षा अनिवार्य कर दिया है ऐसे में नियोजित शिक्षकों ने राज्य कर्मी बनने के लिए साक्षमता परीक्षा का आवेदन किया जिसमें कई शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदेश के घेरे में आ गए यह शिक्षक वर्षों से प्रदेश में नौकरी कर रहे हैं और शैक्षणिक कार्य में लगे हैं अगर जांच के दौरान शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाता है तो इनकी सभी राशि भी इसे लौट आई जाएगी