20000 नियोजित शिक्षकों के दस्तावेज की छानबीन जारी, इन शिक्षकों के लिए हो गईं है बड़ी समस्या, इन शिक्षकोंब, वेतन सहित पदस्थापन पर लगी रोक
छठे चरण के शिक्षक नियोजन में चयनित 42000 से अधिक प्रारंभिक शिक्षकों में से करीब 15 से 20000 शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन 2 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है
सत्यापन प्रक्रिया अभी भी लंबित है जबकि दस्तावेजों के सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग हर बार नई-नई गाइडलाइन जारी करता रहा है जानकारी के अनुसार दस्तावेजों के सत्यापन मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश झारखंड उत्तराखंड पंजाब दिल्ली पश्चिम बंगाल सहित करीब 12 राज्यों के विश्वविद्यालय एवं वोटो से कराया जा रहा है
उन बॉर्डर तक पहुंचने में ही विभाग के पसीने छूट रहे हैं दरअसल सत्यापन के लिए अलग से कोई विग नहीं है यही वजह है कि दस्तावेजों की सत्यापन की गति बहुत धीमी है
विभाग ने बीच में यह भी निर्णय लिया था कि वह विभिन्न राज्यों में सत्यापन के लिए दल भेजेगा लेकिन यह राजनीति विभिन्न वजहों से परवाह नहीं चढ़ सकी विभाग का नियम था कि जब तक दस्तावेजों की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक वेतन नहीं दिया जाएगा इस संदर्भ में जारी अंतिम आदेश को समय सीमा जून ही थी जो वह भी समाप्त हो चुकी है
बताया जा रहा है कि 20000 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के सत्यापन की जांच में तेजी आएगी जब तक इनके सर्टिफिकेट का सत्यापन नहीं किया जाएगा इन 20 हजार शिक्षकों का वेतन पर रोक लगा रहेगा इन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा