माई अभियान से बच्चों में कहानी पढ़ने की बढ़ेगी क्षमता शिक्षा विभाग ने माई अभियान की शुरुआत
स्कूल जाने वाले 6 से 14 वर्ष के बच्चे अब कहानी पढ़ने लगे हैं ऐसे बच्चों में कहानी पढ़ने की क्षमता में 13 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है ऐसा संभव हुआ है जीविका और प्रथम संस्था की ओर से चलाए गए मदर इनीशिएटिव कार्यक्रम यानी माई से
इस अभियान की शुरुआत में जब बच्चों का एफआरसी फैमिली रिपोर्ट कार्ड टेस्ट किया तब जो बच्चे कहानी पढ़ सकते थे उनकी संख्या 33 फीसदी थी
वहीं अंतिम मूल्यांकन में इनकी संख्या में 13% की बढ़ोतरी की गई ठीक ढंग से कहानी पढ़ने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 46% तक पहुंच गई है
इसका खुलासा जीविका और प्रथम की ओर से जारी में की हाल में जारी रिपोर्ट में हुआ है दरअसल जीविका और प्रथम संस्था संयुक्त पहल पर बिहार के आठ जिले के 41 प्रखंडों के 42 क्लस्टर स्तरीय संघ में कार्यक्रम चलाया गया था यह कार्यक्रम स्कूली बच्चों के लिए चलाया गया था