महंगाई राहत जोड़कर कम से कम ₹15000 की पेंशन मिलेगी सरकारी कर्मचारियों को
सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन देने वाली योजनाओं का ऐलान कर दिया है एकीकृत पेंशन योजना यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को कम से कम 10 साल की सेवा के बाद ₹10000 की न्यूनतम पेंशन मिलेगी इसके साथ महंगाई राहत दर और अनुभत्ते भी जुड़ेंगे जिसमें न्यूनतम ₹15000 तक पेंशन मिलनी संभव होगी
कम वेतन वालों को मिलेगा लाभ
देश भर में लागू हो जाएगी सरकार ने इस योजना में न्यूनतम पेंशन राशि का स्पष्ट प्रावधान कर दिया है इसमें सातवें वेतन आयोग की पे बैंड 5200 से लेकर दो ₹20200 में न्यूनतम मूल वेतन वाले एक कर्मचारी को सेवानिवृत होने पर बड़ी राहत मिलेगी इस पे बैंड में न्यूनतम मूल वेतन 18000 और 190900 है कर्मचारी का कार्य वर्ष चाहे जितना भी हो उसकी पेंशन की न्यूनतम राशि ₹10000 से काम नहीं होगी वर्तमान में गोल्ड पेंशन स्कीम के तहत या रकम ₹9000 है नई योजना में भी पेंशन राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है महंगाई राहत के आधार पर पेंशन पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा
योगदान जारी रहेगा
नई योजना में भी एनपीएस की तरह कर्मचारियों को मूल वेतन से 10% का अनुष्ठान करना होगा तो इन सरकार एनपीएस में 14% योगदान करती है जिसे यूपीएस में बढ़कर 18% कर दिया गया है
एक योजना चुन पाएंगे
कर्मचारी के पास एनपीएस और यूपीएस में किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा कर्मचारी अपने फायदे की गणना करके 31 मार्च 2025 तक इस चुनने का फैसला करेंगे
कर छूट का नियम जल्द होगा लागू
एनपीएस में योगदान पर कर्मचारियों को कर छूट मिलती है यूनिफाइड पेंशन स्कीम में कर छूट के नियम अभी अधुसूचित नहीं किए गए हैं यह जल्द आ सकते हैं
इस तरह होगी पेंशन की गणना
अगर कर्मचारियों ने 25 वर्ष की सेवा दी है तो उसके अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीने के औसत मूल वेतन को 50% राशि बतौर पेंशन दी जाएगी अगर सेवा कल 10 से 25 वर्ष के बीच है तो पेंशन की राशि सम्मान समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी साथ ही इसमें महंगाई राहत दर को भी जोड़ा जाएगा वर्तमान में सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए महंगाई राहत दर 50 फ़ीसदी है
25 वर्ष की सेवा पर यदि कर्मचारी का औसत मूल वेतन ₹50000 है तो उसके 50 फ़ीसदी के तौर पर ₹25000 प्रतिमा पेंशन बनेगी इसमें डॉ अलग से मिलेगा
15 वर्ष की सेवा पर 25 साल की जगह 15 साल की सेवा का अनुपात 15 बात 25 है पेंशन बनेगी ₹15000 प्लस डॉ अलग से मिलेगा
25 साल की जगह 10 साल की सेवा पर इसका अनुपात पेंशन के रूप में ₹10000 प्लस डॉ मिलेगा
एनपीएस से यूपीएस में आने पर क्या बदलेगा
कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी मिलेगी एनपीएस में यह विकल्प नहीं था
यूपीएस में एक मुफ्त भुगतान के तौर पर 30 वर्ष की सेवा के लिए कर्मचारियों को 6 मा का वेतन अलग से मिलेगा लेकिन एनपीएस में ऐसी व्यवस्था नहीं थी
एनपीएस में कुल पेंशन फंड में से 60 फ़ीसदी एक मूत्र राशि कर्मचारियों को मिलती है बाकी बची रकम से पेंशन प्लान खरीदना पड़ता है
एनपीएस में पेंशन राशि शेयर बाजार से मिलने वाले मुनाफे पर निर्भर रहती है यूपीएस में सरकार ने इस जोखिम को कम कर दिया है
यूपीएस में 25 साल का सेवाकाल पूरा करने के लिए सरकारी नौकरी में 35 साल की उम्र तक शामिल होना ही होगा