सरकारी स्कूलों की थाली की खरीदारी खुद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने की
जिले में करोड़ों रुपए से ताली खरीदी मामले में नया तक सामने आया है बताया जाता है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम सा BEO रविंद्र कुमार को प्रधानाध्यापक पर भरोसा नहीं है
इसलिए उन्होंने उच्च गुणवत्ता को देखते हुए खुद खरीदारी की थी इसका खुलासा उन्होंने खुद किया है बताया कि स्थानीय बाजारों में थाली उपलब्ध नहीं होने की वजह से जिला मुख्यालय में उच्च गुणवत्ता वाले थाली की खरीदारी कर विद्यालय को भेजा गया है बताया जाता है कि विभाग के मानक के अनुरूप एक से पांच वर्ग के छात्रों की थाली का वजन 240 से 260 ग्राम तथा 6 से 8 छात्रों के लिए 270 से 290 ग्राम तक वजन की थाली निर्धारित थी जिसमें एक से आठ तक के सभी कार्य 290 ग्राम वजन की आपूर्ति की गई है जो उच्च गुणवत्ता के साथ काफी टिकाऊ है
वहीं दूसरी ओर इस खरीदारी से विभाग की कम राशि खर्च होगी वहां से पदध्यापक के नाम नहीं छापने की सच बताया कि यह कार्य जिला के अधिकारियों के मुख्य कार्य से किया गया है जितनी योजना उतनी कमाई की तर्ज पर शिक्षा विभाग के आधिकारिक कम कर रहे हैं खाली खाली खरीदारी के मामले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा लाखों रुपए की राशि कमीशन के रूप में ली गई है जो जांच का विषय है इस घोटाले पर पर्दा डालने के लिए प्रधानाध्यापक पर कई तरह के दबाव बनाए जा रहे हैं कार्रवाई से समय प्रधानाध्यापक मामले में मुंह खोलने से कतरा रहे हैं
बताया कि जब थाली घोटाले की जांच होगी तो अधिकारी पल्ला झाड़ लेंगे और गज प्रधान अध्यापकों पर गिरेगी अधिकारियों द्वारा लिखित नहीं बल्कि मौखिक आदेश दिया गया एक शिक्षक ने बताया कि प्रखंड के